सनातन धर्म के अनुसार ऋग्वेद चारों वेदों में सबसे प्रथम और पुराना वेद है।
ऋग्वेद के सबसे प्रसिद्ध ऋषि अंगिरा जो कि ब्रह्म देव के पुत्र थे, तथा उनके पुत्र थे देवगुरु बृहस्पति।
ऋग्वेद की माने तो ऋषि अंगिरा ने सबसे पहले अग्नि उत्पन्न की थी तथा गायत्री मंत्र का ज्ञान देने वाले ऋषि विश्वामित्र वेद मंत्रों के सर्वप्रथम दृष्टा माने जाते हैं।
इसके 10 मंडल में 1028 सूक्त हैं जिनमें लगभग 11000 मंत्र हैं।
चारों वेदों की तुलना में यह सबसे बड़ा वेद माना जाता है यह एक विशालकाय वैदिक ग्रंथ है तथा अद्भुत और अनंत ज्ञान का स्त्रोत भी है। भाव भाषा और छंद की दृष्टि से भी यह अत्यंत प्राचीन माना जाता है क्योंकि इसमें अधिकांश देव इंद्र, विष्णु, मरूत आदि प्राकृतिक तत्वों के प्रतिनिधि हैं जो कि पंच तत्वों को दर्शाते हैं।
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